Another fraud case has surfaced in the Sahara company… between 2012 and 2014 when the Supreme Court found two Sahara Group companies guilty of fraudulent depositors and its head Subrata Roy was arrested. The group also started three new cooperative societies and recovered Rs 86,673 crore from about 4 crore depositors in its name. Now the Central Registrar of Co-operative Societies has asked the Ministry of Corporate Affairs to conduct an inquiry into the matter with the Serious Fraud Investigation Office in view of the serious apprehension that the general public is missing hard-earned money. Currently, new deposits have been banned in these four cooperative societies of Sahara.
सहारा कंपनी में एक और फ्राड का बड़ा मामला सामने आया है ...2012 से 2014 के दौरान जब सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप की दो कंपनियों को जमाकर्ताओं के साथ धोखाधड़ी का दोषी पाया था और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी हुई थी, उस समय भी ग्रुप ने तीन नई सहकारी समितियां शुरू कीं और उसके नाम पर करीब 4 करोड़ जमाकर्ताओं से 86,673 करोड़ रुपये वसूल लिए। अब सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार ने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को इस मामले में आम जनता की गाढ़ी कमाई गायब होने की गंभीर आशंका के मद्देनजर सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस से इसकी जांच कराने को कहा है। फिलहाल सहारा की इन चारों सहकारी समितियों में नई जमा पर रोक लगा दी गई है।
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